"फ़्रेंडशिप डे" आने वाला है और कई सारे सवाल भी ला रहा है.
वेसे तो विदेशो से बहुत से "डे" भारत आए देखा जाए तो हर दिन कोई न कोई डे होता ही है,
लेकिन फ्रेंडशिप डे का अपना अलग महत्व है, क्युकि मामला दोस्ती का है और कहा जाता है
कि इंसान को सारे रिश्ते जन्म के साथ मिलते है बस दोस्त वो जन्म के बाद बनता है.
ये रिश्ता उसका अपना होता है जिसका मॅनेज्मेंट उसके हाथ है जब चाहे रखे जब चाहे छोड़ दे.
ना समाज का डर ना परिवार वालो का..
दोस्त हमेशा वो करने मे मदद करते है जो आप करना चाहते है.
अच्छे दोस्त बुरे दोस्त ये किस्मत से मिलते है,
मैं इस मामले मे खुदा का शुक्रगुज़ार हू की उसने हमेशा मुझे अच्छे दोस्त दिए
वो दोस्त जिन्होने मेरे उड़ने के लिए आसमान बनाए तो दौड़ने के लिए ज़मीन.
आज भागदौड़ की ज़िन्दगी मे वो दुर तो है पर जुदा नही.. वक़्त के साथ इंसान की जरूरते, ख्वाहिशे बदलती रहती है
जिन्हे पूरा करने के चक्कर मे वो धीरे धीरे दोस्तो से दूर होने लगता है
ऐसे मे ये दिन हमे उन सुनहरे दिनो को याद करने के लिए मजबूर करता है
जो ज़िंदगी का सबसे बेहतरीन पल थे
जिसे याद करके हम फिर एक नयी ताज़गी का अनुभव करते है..
तो क्युना एक दिन हम उन दिनो को याद करे
जब हम चाय के पैसे देने के लिए एक दुसरे की जेबे देखा करते थे
वो चाय आज किसी बड़े रेस्तरा की चाय से ज़्यादा जयकेदार थी,
सिगरा पर बैठे बैठे पूरा दिन गुज़ार देते थे गप्पे लड़ाते लड़ाते,
आज भले फोन पर बात करने की फ़ुर्सत न मिले.
काम एक का रहता जाते दस थे, आज भले अपना काम करने की फ़ुर्सत न हो..
कैंट से गोदौलिया एक समोसे पर पैदल चले जाते थे फिर भी ना थकते थे
आज ऑफीस से घर आने मे थक जाते है..
कालेज जाना तो बहाना था हमे तो रिलेशनशिप पता लगाना था..
मेस का खाना लाख बुरा हो पर सबसे पहले ख़ाते थे फिर गरियाते थे.
"दोस्तो पहले वक़्त था और कुछ नही आज सबकुछ है पर वक़्त नही.."
are sir ji,,,had ka likhe ho,,,,jabardast hai,,,i hv no tym show my feeling ri8 nw bt i can comment on this blog later,,,,,,
ReplyDeleteBhot Sundar Aur Sach bhi.
ReplyDeletekya khub likha hai guruji aapne bilkul sach hai ye. Sigra ki Chay to wakayi lajwab thi aapke hi soujanya se hume bhi mili thi pine ko..banaras ki yaad dila di aapne
ReplyDeleteguruji aapse request hai ki kabhi hamare idhar aana ho to hamare sath ek chay ka pyala jarur le..
ReplyDeletekya sir ekdam vidyapith pahucha diye aapto..
ReplyDeleteabe kamine ab bahut busy hua hai tu 3saal se dikha nahi tu ab blog ka link bhej rha hai kabhi khud ko bhi bhaj..
ReplyDeleteis baar chay ke paise ke liye jeb nahi dekhni padegi tujhe kanjus mai dunga tu awo to..
are guru awa n sigra bhi baa chay samosa ke duknio baa chalal jayi mudi hilawt...harhar mahadev
ReplyDeletewahh praveen sir jawab nahi aapka...
ReplyDeleteYe to Banaras ki yadon ko taaja kr diya apne...
ReplyDeleteJra IP Mall aur mod ki lassi ka bhi jikra ho jaye to mja aa jaye..
दोस्तो को भूलना इतना आसान नही होता और भूलना भी नही चाहिए..बड़े खुशकिश्मत है आप की आपको हमेशा अच्छे दोस्त मिले इस सुंदर पोस्ट का धन्यवाद..
ReplyDeleteआपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा कृपया मेरे ब्लॉग पर भी अवश्य आए.