इस समय पुरी दुनिया की निगाहे भारत के संसद मे चल रहे शीतकालीन सत्र पर
लगी है|
क्युकि इसी के बिल(छेद) से लोकपाल के निकलने की प्रतीक्षा है| वह कैसा होगा?
मजबूत या दुबला-पतला? मोटा की हलका? जब निकलेगा, तभी से लोकपाल हो जाएगा या नाल कटने के बाद? लोकतंत्र के सरकारी अस्पताल मे उसके बाप और रिश्तेदार बेचैनी से टहल रहे है|
आती जाती नर्सों से पूछताछ कर रहे है| पता नही लड़के के स्वाभाव का या लड़की के स्वाभाव का होगा?
बिना हाईकमान के पूछे भ्रूण हत्या भी तो नही करा सकते|
सतमासी निकेलेगा, तो बचना भी मुश्किलहै|
सभी रिश्तेदार सोहर गा रहे है| अब आगे क्या होगा बिल से लोकपाल निकले या साप, बिच्छू, अज़गर तमाशा तो होगा ही क्यूकी ये भारत का लोकपाल है, और हमारी सरकार जिधर पाव पसारे है, उधर अन्ना हज़ारे है|
क्युकि इसी के बिल(छेद) से लोकपाल के निकलने की प्रतीक्षा है| वह कैसा होगा?
मजबूत या दुबला-पतला? मोटा की हलका? जब निकलेगा, तभी से लोकपाल हो जाएगा या नाल कटने के बाद? लोकतंत्र के सरकारी अस्पताल मे उसके बाप और रिश्तेदार बेचैनी से टहल रहे है|
आती जाती नर्सों से पूछताछ कर रहे है| पता नही लड़के के स्वाभाव का या लड़की के स्वाभाव का होगा?
बिना हाईकमान के पूछे भ्रूण हत्या भी तो नही करा सकते|
सतमासी निकेलेगा, तो बचना भी मुश्किलहै|
सभी रिश्तेदार सोहर गा रहे है| अब आगे क्या होगा बिल से लोकपाल निकले या साप, बिच्छू, अज़गर तमाशा तो होगा ही क्यूकी ये भारत का लोकपाल है, और हमारी सरकार जिधर पाव पसारे है, उधर अन्ना हज़ारे है|
bahot sundar sir lokpal ka chitran kiye hai.
ReplyDeleteआपने हिंदी ब्लॉग जगत को बढावा दिया है ,इसके लिए मै आपको धन्वाद देता हु.
ReplyDeletehttp://sarkarirozgarsearch.blogspot.com/
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