युवाओं की असल समस्याओं को देखते हुए आइंदा चुनावों के मद्देनजर मैंने एक घोषणापत्र तैयार किया है, जिसे कोई भी पार्टी बेहिचक इस्तेमाल कर सकती है।
मुलाहिजा फरमाएं : हम यंग-दबंग पार्टी महसूस करते हैं कि देश के नौजवानों के सामने असली चुनौती रोटी, कपड़ा या मकान की नहीं, बल्कि 4,575 किस्म के दोस्त-रिश्तेदारों द्वारा फेसबुक पर टैग किए जाने की है। हम जानते हैं कि मौका मिले, तो आज का युवा अमरूद के पेड़ से लीची तोड़कर ला सकता है, मगर वह बेचारा नहीं जानता कि जिस शख्स ने अपने बच्चे के मुंडन के फोटुओं में उसे टैग किया है, जिस आंटी ने घर पर हुई सत्यनारायण कथा की फोटुओं में उसे लटका दिया है, उसका वह क्या करे? लिहाजा हम वायदा करते हैं कि अगर हम सत्ता में आए, तो फेसबुक टैगिंग को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में डाल दिया जाएगा और दोषी शख्स को ताउम्र दूसरों के फोटुओं में टैग होने और उन पर कमेंट करने की सजा सुनाई जाएगी। भले ही वह तस्वीर किसी दोस्त की बुआ के जेठ के लड़के की ही क्यों न हो।
हम जानते हैं कि पुरानी पीढ़ी को जो सुकून हरिओम शरण के भजन सुनने में मिलता था, नई पीढ़ी को उसी परमानंद की प्राप्ति स्मार्टफोन की चार्ज बैटरी देखकर होती है। मगर साइबेरिया से आने वाले प्रवासी पक्षियों की घटती तादाद से ज्यादा वह यह सोचकर परेशान रहता है कि स्मार्टफोन की बैटरी आखिर इतनी जल्दी डिस्चार्ज क्यों हो जाती है? वह आज तक यह समझ नहीं पाया कि जो कंपनी तीस हजार रुपये का मोबाइल बनाने में इतना खर्चा करती है, वह दस-बीस रुपये और लगाकर चार्जर के तार को लंबा भी तो कर सकती थी।
दोस्तों, हम वायदा करते हैं कि अगर हम सत्ता में आए, तो स्मार्टफोन की बैटरी की क्षमता बढ़ाने और चार्जर के तार को लंबा कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुहिम छेड़ेंगे। इसके अलावा हम शर्मीले लड़कों के लिए कॉलेज में गर्लफ्रेंड पटाने में 20 फीसदी आरक्षण और चटोरी लड़कियों के लिए गोल गप्पे वाले भइया से आखिर में एक की बजाय दो मुफ्त गोल गप्पे दिलवाने का भी भरोसा देते हैं।
Source: Neeraj Badhwaar in Live Hindustan
मुलाहिजा फरमाएं : हम यंग-दबंग पार्टी महसूस करते हैं कि देश के नौजवानों के सामने असली चुनौती रोटी, कपड़ा या मकान की नहीं, बल्कि 4,575 किस्म के दोस्त-रिश्तेदारों द्वारा फेसबुक पर टैग किए जाने की है। हम जानते हैं कि मौका मिले, तो आज का युवा अमरूद के पेड़ से लीची तोड़कर ला सकता है, मगर वह बेचारा नहीं जानता कि जिस शख्स ने अपने बच्चे के मुंडन के फोटुओं में उसे टैग किया है, जिस आंटी ने घर पर हुई सत्यनारायण कथा की फोटुओं में उसे लटका दिया है, उसका वह क्या करे? लिहाजा हम वायदा करते हैं कि अगर हम सत्ता में आए, तो फेसबुक टैगिंग को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में डाल दिया जाएगा और दोषी शख्स को ताउम्र दूसरों के फोटुओं में टैग होने और उन पर कमेंट करने की सजा सुनाई जाएगी। भले ही वह तस्वीर किसी दोस्त की बुआ के जेठ के लड़के की ही क्यों न हो।
हम जानते हैं कि पुरानी पीढ़ी को जो सुकून हरिओम शरण के भजन सुनने में मिलता था, नई पीढ़ी को उसी परमानंद की प्राप्ति स्मार्टफोन की चार्ज बैटरी देखकर होती है। मगर साइबेरिया से आने वाले प्रवासी पक्षियों की घटती तादाद से ज्यादा वह यह सोचकर परेशान रहता है कि स्मार्टफोन की बैटरी आखिर इतनी जल्दी डिस्चार्ज क्यों हो जाती है? वह आज तक यह समझ नहीं पाया कि जो कंपनी तीस हजार रुपये का मोबाइल बनाने में इतना खर्चा करती है, वह दस-बीस रुपये और लगाकर चार्जर के तार को लंबा भी तो कर सकती थी।
दोस्तों, हम वायदा करते हैं कि अगर हम सत्ता में आए, तो स्मार्टफोन की बैटरी की क्षमता बढ़ाने और चार्जर के तार को लंबा कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुहिम छेड़ेंगे। इसके अलावा हम शर्मीले लड़कों के लिए कॉलेज में गर्लफ्रेंड पटाने में 20 फीसदी आरक्षण और चटोरी लड़कियों के लिए गोल गप्पे वाले भइया से आखिर में एक की बजाय दो मुफ्त गोल गप्पे दिलवाने का भी भरोसा देते हैं।
Source: Neeraj Badhwaar in Live Hindustan
bahut badhiya
ReplyDeleteबहुत खूब.
ReplyDelete